क्या गुलशन कुमार की ह्त्या बॉलीवुड के लिए पृथ्वी राज चौहान की ह्त्या जैसी दूरगामी हिन्दू पराजय जैसी थी थी ?
बॉलीवुड के इतिहास मैं गुलशन कुमार की ह्त्या एक मील का पत्थर सिद्ध हुयी है .
उसके बाद से धीरे धीरे बॉलीवुड दावूद सरीखे आतंकवादियों के कब्ज़े मैं आ गया है . उसके बाद से हिन्दू भजन , धार्मिक फिल्मों व् संस्कृति का प्रचार समाप्त कर बॉलीवुड के माध्यम से देश का सांस्कृतिक इस्लामीकरण कर दिया गया है . पहले खान बंधू फिर पाकिस्तानी गायक और अब पाकिस्तानी नायक व् नायिकाएं भारतीय दर्शकों पर थोपी जा रही हैं . शाह रुख खान ने खुले आम कहा की कोई यहाँ पर पाकिस्तानी कलाकारों को नहीं रोक सकता . शाहरुख़ की खाडी के देशों व् पकिस्तान मैं फिल्मों के दर्शक बहुत हैं . वह जानते हैं की हिन्दुओं को तो अपने धर्म की परवाह नहीं है .इसलिए अब तो उनकी हेरोइन भी पाकिस्तानी होने लगी . उधर अब पाकिस्तानी हीरो फवाद खान का प्रचार किया जा रहा है .क्या गुलशन कुमार की ह्त्या की ह्त्या बॉलीवुड के लिए पृथ्वी राज चौहान की ह्त्या जैसी दूरगामी हिन्दू पराजय जैसी थी थी ?
यदि पाकिस्तानी हिंदी फिल्म देख सकते हैं तो उनके कलाकारों से देश को कोई खतरा नहीं है . हमारी कलाकार भी हॉलीवुड जाते हैं तो हम खुश होते हैं . महाभारत के दुसरे व्यास राही मासूम रजा ,नौशाद व् हसरत जयपुरी से कोई ख़तरा नहीं है . ख़तरा दवूद की शरण मैं पल रहे असह्नुशीलता पर भाषण देने वालों व् पिके व् ओह माय गोड बनवाने वालों से है .
लगता है की दावूद अब हाजी मस्तान की तरह छूट कर पाकिस्तान व् भारतीय पाकिस्तान समर्थकोंव् के साथ बॉलीवुड की फिल्में बना कर जीवन व्यतीत करेगा . सुन्दर हिन्दू हेरोइन अब मंदाकनी , ममता कुलकर्णी , मोनिका बेदी रखैलों सी ही रह जायेंगी . इमरान खान की वह फूहड़ टिप्पणी की सदियों से पठान भारत हिन्दू औरतों को —– के लिए जाते रहे हैं भुलाई नहीं जा सकती . एक तरफ तो हिंदी सिंग्हम रिटर्न जैसी फिल्मों मैं पोलिस इंस्पेक्टर अजय देवगन से मस्जिद को सलाम करवाते हैं उधर पीके व् ओह माय गोड जैसी फूहड़ पिक्चरें बना कर हिन्दू देवी देवताओं का अपमान किया जा रहा है और शूटिंग मैं शिवजी से रिक्शा चलवाया जाता है .
. यहाँ तक की बाजी राव मस्तानी जैसी फिल्म मैं भी इस्लामी प्रचार जम के किया गया . हृतिक जैसे कहीं ज्यादा सुन्दर व् बढ़िया कलाकार पर प्रोड्यूसरों को मक्खियाँ भिन्काने पर मजबूर कर दिया .उनके पिता पर गोली चला कर अपनी दादागिरी सिद्ध कर दी .
नौशाद , रफ़ी , मजरूह सुल्तानपुरी , मधुबाला , दिलीप एक समग्रही विचारधारा के कलाकार थे .उनकी हिन्दू संस्कृति पर बहुत गहरी पकड़ थी .उनके भजन आज भी सर्वश्रेष्ठ भजनों मैं से हैं .
महाभारत सीरियल ने तो देश को बदल दिया .’ माय नाम इज खान’ व् पी के , के आमिर व् शाहहरुख दूसरी विचारधारा के कलाकार हैं .वह सॉफ्ट जिहाद के समर्थक प्रतीत होते हैं क्योंकि आमिर अखलाक की मृत्यु पर देश छोड़ने के लिए तैयार है पर एम् ऍफ़ हुसैन के चित्रों व् दुर्गा के जे एन यु के अपमान पर चुप रहते हैं . शारुख खुल कर पाकिस्तानी कलाकारों को चुनौती दे कर भारतीय फिल्मों मैं डालते हैं . इन छुपे जिहादियों से देश को खतरा है.
गुलशन कुमार जब तक जीवित थे हिन्दू धार्मिक फिल्मों व् भजनों का बोलबाला था .
उनकी ह्त्या बॉलीवुड के लिए पृथ्वी राज चौहान की पराजय व् ह्त्या जैसा दूरगामी प्रभाव छोड़ गयी है .
क्या कोई शिवाजी कभी देश के बॉलीवुड को इन नए मुहम्मद गौरियों से आज़ाद हो पायेगा .
देश का रोष इस इन्टरनेट पर प्रचलित अनजान कवि की इस कविता मैं झलकता है .
🚩सत्य सनातन धर्म की जय हो🚩
खतरे का आगाज हुआ है, बॉलीवुड गलियारो मे।
मेरे अल्लाह मेरे मौला, बजते गीत और नारो मे।।
कैसा इस्लामीकरण किया है, गुलशन के हत्यारो ने।
हमको बदबू आने लगी अब, बॉलीवुड
की बयारो मे।।
सलमान, शाहरूख, आमिर, सैफ, क्या फिल्मो की मजबूरी है।
हिन्दू निर्माता बोलो अब, ऐसी क्या लाचारी है।।
शिवशंकर जी की भूमि पर, अल्लाह हो अकबर गाते हो।
और दैवीय भोजन त्याग तुम, मांस गाय का खाते हो।।
कितने तलवे चाटोगे अब, पैगम्बर पीर मजारो के।
शर्म-हया कुछ बची हो तो, गाओ गीत मन्दिर और गुरुद्वारो के।।
फिर से गुलामी की ओर चले, इसको मन मे गढ लेना।
अपनी सभ्यता याद नही तो, ये 4 पंक्ति पढ लेना।।
जेबे भरने की इच्छा मे, कितनी इज्जत बांटोगे।
आजाद ही नही रहोगे तो, इस वैभव
को क्या चाटोगे।।
मै अदना सा भारतीय हूँ, होश मे लाने आया हूँ।
इसलिये मै भारत माँ का, कर्ज चुकाने आया हूँ।।
🙏भारत माता की जय🙏 nt from my Samsung Galaxy smartphone.
Se 🚩सत्य सनातन धर्म की जय हो🚩
खतरे का आगाज हुआ है, बॉलीवुड गलियारो मे।
मेरे अल्लाह मेरे मौला, बजते गीत और नारो मे।।
कैसा इस्लामीकरण किया है, गुलशन के हत्यारो ने।
हमको बदबू आने लगी अब, बॉलीवुड
की बयारो मे।।
सलमान, शाहरूख, आमिर, सैफ, क्या फिल्मो की मजबूरी है।
हिन्दू निर्माता बोलो अब, ऐसी क्या लाचारी है।।
शिवशंकर जी की भूमि पर, अल्लाह हो अकबर गाते हो।
और दैवीय भोजन त्याग तुम, मांस गाय का खाते हो।।
कितने तलवे चाटोगे अब, पैगम्बर पीर मजारो के।
शर्म-हया कुछ बची हो तो, गाओ गीत मन्दिर और गुरुद्वारो के।।
फिर से गुलामी की ओर चले, इसको मन मे गढ लेना।
अपनी सभ्यता याद नही तो, ये 4 पंक्ति पढ लेना।।
जेबे भरने की इच्छा मे, कितनी इज्जत बांटोगे।
आजाद ही नही रहोगे तो, इस वैभव
को क्या चाटोगे।।
मै अदना सा भारतीय हूँ, होश मे लाने आया हूँ।
इसलिये मै भारत माँ का, कर्ज चुकाने आया हूँ।।
🙏भारत माता की जय🙏
Kya yaar. apne ghtiya blog se logo ko bhadkaate ho
sudhar jaao
aatankwadi wo nahi aap jaiso ki soch hai
क्या ये बाते हमारे भाइयो को समझ आयेगी।
Shi kha hai Apne hum phir se gulami ki taraf ja rhe hai
एकदम सही कहा आपने ,अब बहुत जल्द हिन्दुत्व का प्रसार बालीबुड में वैसे ही होगा जैसे हिन्दू वीर गुलशन जी के समय में हुआ करता था ,जय जय हिन्दुत्व ,व्हात्सप्प क्रमांक 8090003005